In which asana the body takes the shape of bow?
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पानी पीने का सही समय, तरीका व लाभ :- हवा के बाद हमारे शरीर की सबसे बड़ी जरूरत जल है, हम हमारे शरीर की इस ज़रूरत को पूरा भी करते हैं, किंतु कभी कभी हमें किसी भी क्रिया को करने व उसे दोहराने का उचित नियम न पता होने का अभाव हमारे लिए समस्या बनकर सामने आता है। तो आइए जानते हैं कि हमें जल का सेवन किस समय करना चाहिए, किस समय नहीं करना चाहिए, जल सेवन करने के क्या तरीके होने चाहिए और और ऐसा करने से हमें क्या-क्या लाभ होते हैं।(1) खाना खाने के तुरंत बाद पानी न पीएं, खाना खाने के कम से कम 1 घंटे के बाद ही पानी पिया जाना चाहिए। हमें ऐसा क्यों करना चाहिएक्योंकि जैसे ही हम खाना खाते हैं हमारे पेट में जठर अग्नि प्रज्वलित रहती है वही अग्नि भोजन को पचाती है खाना खाने के तुरंत बाद पानी पीने से वह अग्नि शांत हो जाती है जिस कारण से हमारे पेट में गया हुआ भोजन पचने की बजाय सड़ना शुरू हो जाता है जो कि सैकड़ों बीमारी का कारण बनता है, भोजन के तुरंत बाद पानी पीना ज़हर के समान है।(2) पानी सदैव घूंट घूंट करके पीना चाहिए ताकि हमारे मुंह में मौजूद लार पानी के साथ पूरी तरह से पेट में जा सके। हमें ऐसा क्यों करना चाहिएक्योंकि मुंह की लार क्षार (बेस) होती है तथा पेट में अम्ल (एसिड) बनता है जब यह दोनों मिलते हैं तो इनका रिएक्शन न्यूट्रल हो जाता है जबकि पेट की स्थिति का एसेडिक या बेसिक होना बीमारियों की उत्पत्ति का बहुत बड़ा कारण है, किंतु जब पेट की स्थिति न्यूट्रल हो जाती है तो हम बीमारियों से दूर रह सकते हैं।(3) हमें अपने दिन की शुरुआत पानी पीने से ही करनी चाहिए। सवेरे उठते ही बिना मुंह धोए, बिना कुल्ला किए पानी पीना चाहिए ताकि हमारे मुंह में मौजूद रात भर की लार पानी के साथ हमारे पेट में जा सके। हमें ऐसा क्यों करना चाहिए क्योंकि सुबह के समय हमारा पेट खाली होने की वजह से काफी ज्यादा एसिडिक होता है एंड मुंह की लार उसे शांत करने में मदद करती है जिससे बहुत सारे रोग पनपने से पहले ही नष्ट हो जाते हैं।(4) ठंडा पानी कभी न पिएं क्योंकि हमारा शरीर व शरीर के आंतरिक अंग जैसे लिवर, किडनी, हर्ट, आंतें इत्यादि इनको फंक्शन करने के लिए बॉडी में हीट की ज़रूरत होती है, ये सभी अंग भीतर के ठंडे तापमान में अपनी प्रक्रिया बंद ना करदें इसलिए हमारा पेट उस पानी को गर्म करने लगता है जिसकी वजह से हमारे शरीर की काफी सारी ऊर्जा उस ठंडे पानी को गर्म करने में लग जाती है तथा इस प्रकार से हमें हमारे शरीर में कमज़ोरी महसूस होने लगती है ऐसा भी कहा जाता है कि हमारा पेट हमारे द्वारा पिये गए ठंडे पानी को मात्र 3 मिनट के भीतर ही गर्म कर देता है अगर हमारा पेट ऐसा करने में सफल नहीं हो सका तो हमारे आंतरिक अंग हमेशा के लिए अपनी क्रियाएं करना बंद भी कर सकते हैं जैसे हर्ट फेल होना, किडनी फैलियर होना लिवर फैलियर होना इत्यादि इसी के उदाहरण है। इससे बचने के लिए हमें क्या करना चाहिए हमें सदा सादा या गुनगुना पानी पीना चाहिए मिट्टी के बरतन में रखा पानी भी पिया जा सकता है।(5) पानी को हमेशा बैठकर पीना चाहिए खड़े खड़े पानी नहीं पीना चाहिए खड़े होकर पानी पीना अर्थराइटिस का कारण बनता है जैसे कमर दर्द, घुटनों में दर्द इत्यादि। आइए जानते हैं कि तांबे के बर्तन में रखा हुआ पानी पीने से शरीर को क्या-क्या लाभ मिलते हैं?(1) सुबह सुबह यदि हम तांबे के बर्तन में रखा हुआ पानी पीते हैं तो यह हमारे शरीर के लिए अत्यंत लाभकारी है क्योंकि तांबे के बर्तन में रखा हुआ पानी एंटी ऑक्सीडेंट होता है कैंसर रोधी होता है और एंटी इन्फ्लेमेटरी गुणों से युक्त होता है इसलिए कहा जाता है कि कम से कम 8 घंटे तक रखा हुआ तांबे के बर्तन का पानी पीना बिना दवा के ही बहुत से रोगों का नाश करता है तथा बहुत से बड़े बड़े रोगों को होने ही नहीं देता है।(2) जिन लोगों को कफ या खांसी की अधिक समस्या रहती है वे लोग यदि तांबे के बर्तन में पानी रखते समय उसमें चार पांच तुलसी के पत्ते डाल दें तथा प्रातः उस पानी को पिए हैं तो उन्हें बहुत कम समय में कफ की समस्या से निजात मिलेगा।(3) शरीर की आंतरिक सफाई के लिए तांबे का पानी कारगर होता है यह लिवर और किडनी को स्वस्थ रखता है और किसी भी प्रकार के इंफेक्शन से निपटने में तांबे के बर्तन में रखा पानी पीना लाभप्रद होता है।(4) पेट की सभी समस्याओं के लिए तांबे का पानी बेहद फायदेमंद होता है प्रतिदिन इसका उपयोग करने से पेट में दर्द, गैस, एसिडिटी व कब्ज जैसी परेशानियों से निजात मिल सकता है।(5) तांबे के बर्तन में रखा पानी पीने से त्वचा संबंधी किसी प्रकार की समस्या नहीं होती यह फोड़े, फुंसी, मुंहासे, और त्वचा संबंधी अन्य रोगों को पनपने नहीं देता जिससे हमारी त्वचा साफ और चमकदार दिखाई देती है।(6) तांबे के बर्तन में रखा पानी पीने से हमारा खून साफ होता है, पाचन तंत्र बेहतर होता है, शरीर में मौजूद अत्यधिक वसा (फैट) की मात्रा को कम करता है।(7) तांबे के बर्तन में रखा हुआ पानी पीने से शरीर में बढ़ा हुआ यूरिक एसिड का स्तर कम हो जाता है इससे गठिया और जोड़ों में सूजन के कारण होने वाले दर्द में आराम मिलता है।(8) तांबे के बर्तन में रखा हुआ पानी पीने से खून की कमी के विकार दूर हो जाते हैं।(9) तांबे के बर्तन में रखें पानी के सेवन से शरीर में मौजूद हानिकारक बैक्टीरिया को आसानी से नष्ट किया जा सकता है इसमें रखें पानी को पीने से डायरिया, दस्त और पोलियो जैसे रोगों के कीटाणु मर जाते हैं।(10) तांबे के बर्तन में रखे पानी के सेवन से हमारा रक्त संचार बेहतरीन होता है, कोलेस्ट्रॉल कंट्रोल रहता है, और दिल की बीमारियां होने के आसार बहुत कम हो जाते हैं।हमें प्रतिदिन में 12 से 15 गिलास पानी अवश्य पीना चाहिए किंतु यह जरूर ध्यान रखें कि पानी कभी भी एक सांस में नहीं पीना चाहिए तथा हमेशा ही घूंट-घूंट करके बीच - बीच में पीते रहना चाहिए।