पुराणों की संख्या कितनी है? इनमें से पुराणों के नाम बताइए ।
पुराणों की संख्या 18 हैं। उनके नाम इस प्रकार हैंब्रह्म पुराण, पद्म पुराण, विष्णु पुराण, वायु पुराण, भागवत पुराण, नारद पुराण, मार्कण्डे- पुराण, अग्नि पुराण, भविष्य पुराण, ब्रह्मवैवर्त पुराण, लिंग पुराण, वराह पुराण, स्कन्द
पुराणों की संख्या कितनी है? इनमें से पुराणों के नाम बताइए ।
पुराण वामन पुराण, कूर्म पुराण, मत्स्य पुराण, गरुण पुराण, ब्रह्माण्ड पुराण आदि। आजकल बच्चों का नामकरण किस भाँति होता है? क्या ये नाम इस अंश में वर्णित नामों से मिलते जुलते हैं अथवा भिन्न हैं?
प्राचीन काल में ब्राह्मणीय पद्धति के अनुसार लोग अपने शिशुओं का नामकरण गोत्र के आधार पर करते थे और नाम अपने किसी देवता या आराध्य देव के नाम पर रखते थे और उपनाम गोत्र का लगाते थे। उदाहरण के लिए, रामगुप्त, कृष्ण वीर वशिष्ठ, महादेव उपमन्यु आदि। आज भी इसी प्रकार से नामकरण किया जाता है।
सातवाहन शासक अपने नाम के सामने माता का नाम लगाते थे, जैसे गौतमी पुत्र शतकर्णी वशिष्ठि पुत्र पुलमावि राजा मधारि पुत्र, राजा हरिति पुत्र आदि। इससे सिद्ध होता है कि उस समय मातृवंशीय परिवार हुआ करते थे। आजकल दक्षिण भारत में अपने नाम के साथ पिता का भी नाम और गाँव का नाम भी लगाते हैं। प्राचीन काल में भी राजाओं के ऐसे नामों का उल्लेख मिलता है। अत: यह नामकरण की परिपाटी आज भी विद्यमान है।
किन्तु आजकल इस भौतिकवादी युग में अपने आराध्य देव पर नामकरण के साथ-साथ अपने स्थान, क्षेत्र आदि के आधार पर भी नामकरण किया जाने लगा है, जैसे-सरयू पारी अर्थात् सरयू नदी के पार रहने वाले लोग, कान्यकुब्ज अर्थात् कन्नौज । के आस-पास रहने वाले लोग सारस्वत अर्थात् सरस्वती नदी के पास रहने वाले लोग। नार्मदीय अर्थात् नर्मदा नदी के किनारे ।