गले में संक्रमण/इंफेक्शन होने के कारण।
गले में संक्रमण/इंफेक्शन होने के कारण:- बदलतीजीवन शैली इस संक्रमण केहोने की एक खासवजह बन गई है।आजकल हर उम्र केलोगों की जीवनशैली असंतुलितसी हो गई है।आजकल लोग समय बचाने के प्रयास मेंजंक फूड से ही कामचला रहे हैं। पोष्टिक आहार लोगों के भोजन सेगायब होता जा रहा है, जिससे लोगों में कीटाणुओं से लड़ने कीरोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो गईहै। इसलिए लोग बार–बार इस तरह केसंक्रमण का शिकार होरहे हैं।
ऐसेलोगों की भी कमीनहीं है जो इससमस्या को हल्के मेंले कर खुद हीकोई ना कोई दवाले लेते हैं और समस्या कोऔर भी ज़्यादा गंभीरबना लेते हैं।
बैक्टीरियलथ्रोट इनफेक्शन सबसे आम है, अक्सरबैक्टीरियल थ्रोट इनफेक्शन बैक्टीरिया की वजह सेहोता है। वायरलथ्रोट इनफेक्शन वायरस की वजह सेहोता है। आमतौर पर इसमें सर्दी, जुकाम, छींकना जैसे लक्षण दिखाई देते हैं।
फंगलइनफेक्शन उन्हें होता है जिन्हें डायबिटीज़की बीमारी होती है या जोएंटीबायोटिक्स का सेवन काफीज़्यादा करते हैं।
यहरोग व्यक्ति के छींकने, खांसनेव बोलने से भी एकदूसरे में फैल जाता है। इससे रोगियों का गला दर्दके कारण लाल पड़ जाता है और पानीतक पीने में काफी परेशानी का सामना करनापड़ता है। संक्रमण की वजह सेगले के अंदर दानेउभर आते हैं या घाव भीहो जाते हैं। अगर दवा से आराम नहींमिल रहा है और दर्दया घाव लंबे समय तक बना हुआहै तो यह गलेके कैंसर का लक्षण भीहो सकता है, इसलिए आप इसको किसीभी प्रकार से सहजता मेंना लें तथा शीघ्र ही अच्छे डॉक्टरसे संपर्क करें।
गले में संक्रमण/इन्फेक्शन के लक्षण।
बदलते मौसम के दौरान अक्सरलोग इस संक्रमण काशिकार होते हैं। हमारा गला शरीर का एक ऐसाहिस्सा है जो सबसेज़्यादा बाहरी गतिविधियों से प्रभावित होताहै। जैसे– मौसम में परिवर्तन, प्रदूषण, दूषित हवा में सांस लेना, विषाक्त भोजन करना आदि। इसकी वजह से विभिन्न जीवाणुहमारे गले में हमला करते हैं, जिसकी वजह से गले मेंसंक्रमण हो जाता है।
ये जीवाणु मुख्यतः तीन प्रकार के होते हैं, बैक्टीरिया, वायरस और फंगी। संक्रमण के लक्षण आमतौरपर 1 से 3 दिन में दिखाई देने लगते हैं, और हर व्यक्तिमें अलग–अलग लक्षण पाए जा सकते हैं।संक्रमण के समय मेंसूजन दिखाई देती है, और भोजन करतेवक्त काफी कठिनाई महसूस होने लगती है, गले में किसी प्रकार का दर्द, खराश, कांटे जैसी चुभन, सांस लेने में परेशानी होना, निगलने में परेशानी होना इसके लक्षण हो सकते हैं।
गले में इन्फेक्शन के दौरान आवाज़इतनी भारी हो जाती हैकि खुद को ही पहचानमें नहीं आती। गले में इन्फेक्शन के दौरान बदनमें बहुत दर्द रहने लगता है क्योंकि जोगले का इन्फेक्शन होताहै वह पूरे गलेके साथ–साथ पूरे बदन पर अपना दुष्प्रभावदिखाता है।
जिनको भी थ्रोट इंफेक्शनहोता है, उनको लेटे समय सांस प्रॉपर नहीं आता है, उन्हें सांस लेने में दिक्कत एवं दर्द होता है, क्योंकि इंफेक्शन के कारण गलेमें सूजन, दर्द एवंघाव हो जाता है।गले में सूजन और तेज़ बुखारका लंबे समय तक रहना बेहदअधिक संक्रमण या खतरनाक बीमारीका संकेत हो सकता है।इसलिए आप ऐसी स्थितिहोने पर कृपया लापरवाहीबिल्कुल न बरतें।
गले में संक्रमण से बचाव एवंनिजात पाने हेतु सरल उपाय।
(1) गलेमें खराश होने पर गर्म पानीमें नमक डालकर गरारे करना बहुत फायदेमंद होता है।
(2) फेशियलस्टीम का भी उपयोगगले के लिए लाभप्रदहै।
(3) दूधमें हल्दी मिलाकर पिएं क्योंकि इसमें एंटीबायोटिक गुण होते हैं।
(4) रातमें सोने से पहले गर्मदूध में हल्दी और थोड़ी सीकाली मिर्च मिलाकर पीएं।
(5) आपकोलहसुन के दो–तीनड्रॉप्स लेने हैं, और एक चम्मचशहद लेना है, इनको आधा गिलास पानी में मिक्स कर दें औरइस घोल का सेवन दिनमें दो बार अवश्यकरें। इस उपाय सेगले के इन्फेक्शन मेंजल्द ही आराम मिलताहै। क्योंकि लहसुन इन्फेक्शन दूर करने में काफी ज़्यादा कारगर है।
(6) आपकोदो –तीन पत्ते तुलसी के लेने हैं, दो–तीन आपको लॉन्ग लेने हैं, दो–तीन दानेकाली मिर्च के ले लीजिएथोड़ा सा अदरक लेलें, इनको आधा गिलास पानी में बॉईल करना है, बॉईल करते वक्त जब यह घोल थोड़ा गुनगुना हो जाए तोइसमें एक चम्मच शहदडाल लें। शहदआपके गले को स्मूथ करेगा, बाकी अन्य चीज़ें इंफेक्शन से राहत दिलानेमें मदद करेंगी। इसघोल के सेवन से3 दिनों में आप का इन्फेक्शनपूर्ण रूप से या फिरयूं कहें कि बहुत हदतक ठीक हो जाएगा। यहगले के इन्फेक्शन केलिए रामबाण इलाज़ है।
(7) आपएक चम्मच प्याज का रस एवंएक चम्मच शहद मिलाकर दिन में 1 बार सेवन कर सकते हैं।यह भी गले मेंइंफेक्शन से राहत पानेका एक कारगर उपायहै।
आइएहम यह भी जानलेते हैं कि गले मेंइंफेक्शन,गले में दर्द, गले में खराश, सूजन इत्यादि के बचाव एवंराहत के उपाय कीप्रक्रिया के दौरान हमेंकिन–किन बातों का ध्यान रखनाचाहिए। जिससे कि आपके द्वाराकी जा रही प्रक्रियासे आपको कम समय मेंपूरा लाभ मिल सके।
यहहमने जाना कि हमें क्याक्या नहीं खाना चाहिए अब हम यहभी जान लेते हैं कि लिक्विड डाइटलेते वक्त हमें क्या ध्यान में रखना है? आपकोठंडे पानी से पूरी तरहसे परहेज़ करना है, कोल्ड ड्रिंक्स या ठंडे जूसइत्यादि का सेवन बिल्कुलभी न करें।
आपकोअपनी शैली की अनुकूलता मेंभी कुछ परिवर्तन अवश्य करना होगा ताकि आप जल्द सेजल्द स्वस्थ हो सकें जैसे– ए.सी का प्रयोगबहुत कम करें यान करें तो ज़्यादा अच्छाहै। नहाते समय ज्यादा ठंडे पानी का उपयोग नकरें, नहाते समय पानी का उपयोग ज़्यादान करें, बरसात के पानी मेंबिल्कुल भी न भीगें।