अगर पुलिस से हालात काबू में नहीं हो रहे तो सेना बुलाइए – कलकत्ता हाईकोर्ट

The court was hearing a case related to violence
Highlights
- 10 जून को जुमे के बाद हुई हिंसा मामले में कोर्ट कर रहा था सुनवाई
- 15 जून को होगी मामले में अगली सुनवाई
- याचिका में कुछ शहरों में केंद्रीय बलों की तैनाती की मांग की गई है
West Bengal: 10 जून को जुमे की नमाज के बाद हुई हिंसा के बाद सोमवार को कलकत्ता हाई कोर्ट ने कड़ा रुख अख्तियार किया है। एक मामले की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कहा कि, “पश्चिम बंगाल सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक कदम उठाएगी कि पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ कथित आपत्तिजनक टिप्पणियों के खिलाफ हो रहे प्रदर्शन के दौरान कोई अप्रिय घटना न हो।”
हाई कोर्ट ने सरकार को निर्देश दिया कि अगर राज्य की पुलिस हालात नियंत्रित करने में नाकाम रहती है तो सरकार केंद्रीय को बुलाए। कोर्ट ने सरकार को 15 जून तक स्तिथि की रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया है।
कलकत्ता हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश प्रकाश श्रीवास्तव और न्यायमूर्ति आर भारद्वाज की खंडपीठ ने उम्मीद जताई कि राज्य प्राधिकारी यह सुनिश्चित करने के लिए हर आवश्यक कदम उठाएंगे कि कोई अप्रिय घटना न हो और शांति बरकरार रखी जा सके। अदालत ने कहा, ‘‘यदि राज्य की पुलिस किसी भी स्थान पर स्थिति को नियंत्रित करने में असफल रहती है तो प्राधिकारी तत्काल कदम उठाते हुए केंद्रीय बलों को बुलाएं।’’
कोर्ट ने यह टिप्पणी एक याचिका की सुनवाई करते हुए कहा, जिसमें नूपुर शर्मा और नवीन जिंदल द्वारा पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ की गई विवादास्पद टिप्पणियों को लेकर हावड़ा, मुर्शिदाबाद और नदिया जिलों में हुए हिंसक विरोध-प्रदर्शनों के बीच सेना की तैनाती किए जाने का अनुरोध किया गया है। दायर की गई पांच याचिकाओं में से एक में पश्चिम बंगाल में हिंसक विरोध-प्रदर्शनों की जांच राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (NIA) से कराने की मांग की गई है। पीठ ने निर्देश दिया कि मामले में अगली सुनवाई 15 जून को होगी।
राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता एस एन मुखर्जी ने याचिकाओं का विरोध करते हुए दावा किया कि नदिया जिले के बेथुंदाहरी में एक यात्री ट्रेन के क्षतिग्रस्त होने की एक घटना के अलावा पिछले 36 घंटों में कोई हिंसा नहीं हुई है। उन्होंने अदालत से कहा कि मामले में 214 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। अदालत ने कहा कि सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान नहीं पहुंचना चाहिए।